Shikha Arora

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -11-Jun-2022 - दुल्हन



दुल्हन बनी खिली नवयौवना है ,
श्रृंगार करके लगती अन्नपूर्णा है |
रूप ऐसा उसका निखरता चला गया ,
रंग प्रीत का उस पर चढ़ता चला गया |
माथे पर टीका गले में हार पहना ,
सर पर लाल चुनर लगती मनमोहना |
मुस्कुराहट पर सब उसकी वारी वारी ,
नजर उतारेंगे आकर सब बारी बारी |
हिना का चढ़ता हुआ रंग तुम देखो ,
कंगना भी छनकता हुआ तुम देखो |
गालों पर गुलाबी रंगत है आई ,
आंखें झुकी झुकी वो है शरमाई |
चुड़ियों की प्यारी सी हैं खनक ,
तगड़ी भी रही उसकी चमक |
सुनहरी गोटा चमक कर बोल रहा ,
राज़ दिल के सारे ही वो खोल  रहा ||

दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

   24
12 Comments

नंदिता राय

14-Jun-2022 06:36 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

Reply

Shnaya

14-Jun-2022 02:25 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

Reply

Reyaan

13-Jun-2022 11:51 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply